दांतो में तंबाकू गुटखा और पान मसाला से बने दाग दांतों पर पीलापन को चमकता है।
दांत दर्द सेंसिटिविटी गर्म या तथा ठंठा खाने पीने से दांतो में झनझनाहट उसे ठीक करता है।
थोड़े बहुत दांत हिलते हैं तो उन्हें फिक्स्ड करता है दांत और मसूड़ों को मजबूत बनाता है।
दांतों में सड़न (कैविटी) यह दांतों में बैक्टीरिया के कारण होने वाली रोग से मुक्ति दिलाता है।
पायरिया दांतो में खून मवाद आना बदबू देना ठीक करता है।
बच्चों के दांत ऊबड़-खाबड़ आड़े-तिरछे निकलना सही क्रम में निकलने के लिए कार्य करता है।
श्वास मुंह की बदबू को बेहतर फ्रेश के साथ मसूड़े की सूजन और क्षय को रोकता है।
दांतों में रोग होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. दांतों की उचित सफाई न करना
दिन में दो बार ब्रश न करना।
फ्लॉसिंग न करना, जिससे दांतों के बीच फंसे भोजन के कण नहीं निकल पाते।
2. गलत खान-पान की आदतें
अत्यधिक मीठा और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे चॉकलेट, कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक्स)।
बहुत अधिक एसिडिक खाद्य पदार्थ (जैसे कोल्ड ड्रिंक और नींबू)।
3. प्लाक और टार्टर का निर्माण
दांतों पर प्लाक (चिपचिपा बैक्टीरिया की परत) जमना।
समय पर सफाई न कराने से टार्टर का निर्माण।
4. खराब ओरल हाइजीन
नियमित रूप से माउथवॉश का इस्तेमाल न करना।
गंदे पानी से कुल्ला करना या अस्वच्छ वस्तुओं से दांतों की सफाई करना।
5. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन
सिगरेट, गुटखा, पान मसाला आदि के कारण दांतों में कैविटी, पीलेपन और मसूड़ों की बीमारियां होती हैं।
6. मसूड़ों की बीमारियां (पेरियोडोंटल डिजीज)
मसूड़ों में सूजन, खून आना, या संक्रमण।
मसूड़ों का दांतों से अलग होना।
7. हार्मोनल बदलाव
गर्भावस्था, मासिक धर्म, या रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल असंतुलन से मसूड़ों में समस्या हो सकती है।
8. कैल्शियम और विटामिन डी की कमी
दांतों और हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से दांत कमजोर हो जाते हैं।
9. जेनेटिक कारण
कुछ लोगों को दांतों की समस्याएं विरासत में मिलती हैं।
10. दांतों का अत्यधिक उपयोग
दांत पीसने की आदत (ब्रुक्सिज़्म)।
अत्यधिक कठोर चीजें (जैसे नट्स या बर्फ) चबाना।
11. दवा और स्वास्थ्य समस्याएं
कुछ दवाएं, जैसे एंटीबायोटिक्स और एंटी-डिप्रेसेंट्स।
मधुमेह, एनीमिया, या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां।
रोकथाम के उपाय:
नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग करें।
मीठे और एसिडिक खाद्य पदार्थों से बचें।
तंबाकू और शराब का सेवन न करें।
संतुलित आहार लें और पर्याप्त पानी पिएं।